लोग बताते हैं हैं कि ये सब कैसे हुआ और कब हुआ किसी ने कुछ नही देखा सब एक पल में हो गया..धनुष टूटने के बाद सब स्थिति अगले ही पल सामान्य हो गयी पण्डित जी मंच के बीच गए और टूटे धनुष और कलाकार के सन्मुख दण्डवत हो गए.... लोग शिव धनुष भंग पर जय श्री राम का उद्घोषणा कर रहे थे और पण्डित जी की आंखों से श्रद्धा के आँसू निकल रहे थे..
उस मार्ग में कौन सा वैज्ञानिक रहस्य छुपा हुआ है उस मार्ग के बारे में हज़ारों साल पहले कैसे जानकारी थी पढ़िए इन प्रश्नों के उत्तर जो वामपंथी इतिहारकारों के लिए मृत्यु समान हैं...रावण ने माँ सीताजी का अपहरण पंचवटी (नासिक, महाराष्ट्र) से किया और पुष्पक विमान द्वारा हम्पी (कर्नाटक), लेपक्षी (आँध्रप्रदेश) होते हुए श्रीलंका पहुंचा...आश्चर्य होता है जब हम आधुनिक तकनीक से देखते हैं कि नासिक, हम्पी, लेपक्षी और श्रीलंका बिलकुल एक सीधी लाइन में हैं. अर्थात ये पंचवटी से श्रीलंका जाने का सबसे छोटा रास्ता है...
दुनिया में इस तरह की शायरी की बात हो तो बस एक नाम ही जुबां पर आता है। वो नाम है मिर्जा गालिब। इनकी शायरी के बीच में ना किसी मजहब का बंधन है और ना ही किसी जाति की दीवार। हर कोई बस सुनता है तो बरबस सुनता ही जाता है। फिर यही कहता है कि ये तो मिर्जा गालिब साहब की शायरी है।
सावन नाम बहुत सुंदर और आकर्षक माना जाता है। इतना ही नहीं इसका मतलब भी बहुत अच्छा होता है। आपको बता दें कि सावन नाम का अर्थ हिन्दू वर्ष के पांचवें महीने जो मानसून के मौसम के दौरान बारिश भगवान से एक बलिदान प्रदान करता है, एक होता है।